उत्तराखण्ड के गाँव किसी पर्यटक स्थल से कम नहीं हैं। यहाँ की सुन्दरता, निर्मलता, यहाँ का ग्रामीण परिवेश हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। सांस्कृतिक छटा समेटे हमारे पारंपरिक घर, हरेभरे पहाड़, सीढ़ीनुमा खेत, पेड़-पौधे, स्वच्छ परिवेश यहाँ की सुन्दरता में चार चाँद लगाते हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड सरकार यहाँ के लोगों के माध्यम से खाली हो चुके गांवों को ‘होम स्टे’ कार्यक्रम के तहत विकसित कर ग्रामीण पर्यटन के रूप में विकसित करने का एक अभिनव प्रयोग कर रही है। जो उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों को काफी पसंद आ रहा है। (home stay scheme in uttarakhand)
हमें आने वाले दिनों में इस पर ज्यादा बेहतर तरीके से कार्य करना होगा। इस विडियो को देखकर आप अंदाजा लगायें कैसे हम अपने गांवों को पर्यटन के रूप में विकसित कर सकते हैं। हमारे पास प्रकृति प्रदत्त उपहार हैं। सांस्कृतिक छटा समेटे पारंपरिक घर हैं। हमारा खानपान है। आसपास देवालय हैं। नौले हैं, धारे हैं। हमारा कृषि करने का अपना ढंग है। खेतों में हुड़किया बौल है। मेलों में झोड़े-चांचरी हैं। हमारे पुराने लोकवाद्य हैं और न जाने क्या-क्या, तो सोचिये हम इनका उपयोग कर कैसे पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं ? विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए एक साफ और किफायती तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक अच्छी आवासीय सुविधा कैसे दे सकते हैं ? कैसे हम उनको उत्तराखण्ड के परिवार के साथ रहकर यहाँ की संस्कृति, परम्पराओं, यहाँ के व्यंजनों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर दे सकते हैं।
Home Stay Scheme in Uttarakhand
होम स्टे उत्तराखण्ड (अतिथि उत्तराखण्ड गृह आवास योजना) : आप उत्तराखण्ड सरकार के इस पॉलिसी के बारे में पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – अतिथि उत्तराखण्ड गृह आवास योजना
ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।