प्रसिद्ध कुमाउनी और गढ़वाली भजन-कीर्तन के बोल।

pahadi-bhajan-lyrics
Pahadi Bhajan Lyrics


Kumaoni-Garhwali Bhajan Kirtan: उत्तराखंड की भूमि ऋषि-मुनियों की तपस्थली रही है। वहीं यहाँ देवी पार्वती का मायका और शिव का ससुराल है। मान्यता है यहाँ के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। इसीलिए इस भूमि को देवभूमि कहा जाता है। इस पावन भूमि में रहने वाले लोगों ने माता गौरा को 'नंदा' रूप में अपनी बेटी और शिव को दामाद का दर्जा दिया है। वहीं यहाँ भूमिया, गोलू जैसे अनेक लोक देवी-देवताओं को अपना पूजनीय बनाया है। 

इस पोस्ट में आप सभी के लिए कुमाउनी-गढ़वाली भजनों और कीर्तन के लिरिक्स संकलित कर रहे हैं, जो मुख्यतः माता नंदा (गौरा), शिव, भूमिया देव, गोलू देव आदि देवी-देवताओं के हैं। आप नीचे दिए गए Table of Content पर क्लिक करके अपने मन पसंद भजन और कीर्तन के बोल पढ़ सकते हैं। 

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  • Garhwali Bhajan Lyrics 
  • Kumaoni Bhajan Lyrics 
  • Pahadi Bhajan Lyrics

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हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा

हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा, 
नैनीताल में नैना, अल्माड़ में नंदा। 

हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा,
नैनीताल में नैना, अल्माड़ में नंदा। 

हिटो-हिटो भक्तो हरद्वार जै उंला,
हिटो-हिटो भक्तो हरद्वार जै उंला,
माता नैना का दर्शन करि उंला, 
माता नैना का दर्शन करि उंला। 
खुश होली मैया, दी देली वरदान -२ 
हमर जीवन है जालो महान -२ 

हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा-२ 
नैनीताल में नैना, अल्माड़ में नंदा-२ 

हिटो-हिटो भक्तो दूनगिरी जै उंला,
हिटो-हिटो भक्तो दूनगिरी जै उंला,
माता दुर्गा का दर्शन करि उंला, 
माता दुर्गा का दर्शन करि उंला। 
खुश होली मैया, दी देली वरदान -२ 
हमर जीवन है जालो महान -२ 

हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा-२ 
नैनीताल में नैना, अल्माड़ में नंदा-२ 


हिटो-हिटो भक्तो नैनीताल जै उंला,
हिटो-हिटो भक्तो नैनीताल जै उंला,
माता नैना का दर्शन करि उंला, 
माता नैना  का दर्शन करि उंला। 
खुश होली मैया, दी देली वरदान -२ 
हमर जीवन है जालो महान -२ 

हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा-२ 
नैनीताल में नैना, अल्माड़ में नंदा-२ 

हिटो-हिटो भक्तो अल्मोड़ा जै उंला,
हिटो-हिटो भक्तो अल्मोड़ा जै उंला,
माता नंदा का दर्शन करि उंला, 
माता नंदा का दर्शन करि उंला। 
खुश होली मैया, दी देली वरदान -२ 
हमर जीवन है जालो महान -२ 

हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा-२ 
नैनीताल में नैना, अल्माड़ में नंदा-२  

हिटो-हिटो भक्तो टनकपुर जै उंला,
हिटो-हिटो भक्तो टनकपुर जै उंला,
माता पूर्णागिरि का दर्शन करि उंला, 
माता पूर्णागिरि का दर्शन करि उंला। 
खुश होली मैया, दी देली वरदान -२ 
हमर जीवन है जालो महान -२ 

हरिद्वार में मनसा, दूनागिरी में दुर्गा, 
नैनीताल में नैना, अल्माड़ में नंदा-२ 

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ओ नंदा सुनंदा तू दैंणी है जाए

ओ नंदा सुनंदा तू दैंणी है जाए
माता गोरी अम्बा तू दैंणी है जाए

कोरस : ओ नंदा सुनंदा तू दैंणी है जाए
माता गौरी अम्बा तू दैणी है जाए .................


तू पुनियू की ज्यून माता, सूरज का ताप छै
धौ धिनाई, नाज पानी, तू सबो की आश छै
मनखी हो सुखियारी..
तू दैंणीहै जाए ..

ओ नंदा सुनंदा तू दैंणी है जाए
माता गौरी अम्बा तू दैंणी है जाए


कोरस : ओ नंदा सुनंदा तू दैंणी है जाए
माता गौरी अम्बा तू दैंणी है जाए .................


चुल की रस्यार जी रो, घर की घस्यार
गौं-गौं में सुकाल है जौ, फसल बहार
भरिये भकार, तू दैंणी है जाए
ओ नंदा सुनंदा तू दैंणी है जाए
माता गोरी अम्बा तू दैंणी है जाए


कोरस : ओ नंदा सुनंदा तू दैंणी है जाए
माता गौरी अम्बा तू दैंणी है जाए .................


फूल पाती भेट माता तूकनी चडूना
मैकनी सेवा कराये, त्यर आशीष लियोना
तू फल वाणी तू दैणी है जाए, करिए हरियाली
तू दैंणी है जाए ..


ओ नंदा सुनंदा तू दैणी है जाए
माता गौरी अम्बा तू दैणी है जाए


कोरस : ओ नंदा सुनंदा तू दैणी है जाए
माता गौरी अम्बा तू दैणी है जाए 


जै हो जै हे बद्री विशाल

जै हो जै हे बद्री विशाल
दीनो का तुमि स्वामी
महिम छो अपरम्पार  


जै हो जै हे बद्री विशाल
दीनो का तुमि स्वामी
महिम छो अपरम्पार 


पवन मंद सुघन्ध शीतल
हेम मंदिर शोभितंम
निकट गंगा बहती निर्मल
बदरीनाथ विशम्भरम ..२


जै हो जै हे बद्री विशाल
दीनो का तुमि स्वामी
महिम छो अपरम्पार  . ..२


शेत सुमिरन करत निशदिन
ध्यान धरत महेश्वरम
हे विष्णु का तुमि अवतार
दीनो का तुमि स्वामी
महिम छो अपरम्पार  ... २


जै हो जै हे बद्री विशाल\
दीनो का तुमि स्वामी
महिम छो अपरम्पार 


श्री लक्ष्मी जी चवर डोले
बदरीनाथ विशम्भरम
जै हो जै हे बद्री विशाल
दीनो का तुमि स्वामी
महिम छो अपरम्पार


बद्री नाथ की पन्च रतन
कटत पाप विनाशंम
योगी ज्ञानी करत अस्तुति
ध्यान धरत शिवानन्दम


जै हो जै हे बद्री विशाल
दीनो का तुमि स्वामी
महिम छो अपरम्पार

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Garhwali Bhajan Lyrics-जै अम्बा जगदम्बा

जै अम्बा जगदम्बा जै माता राणी माता राणी
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


लाल रंग चुनरी साडी मा
सज भलु सजणों चा तन मा
आशीष बरसूणु आँखीयू मा
लाड उलार भरीयु मन मा
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी ई .............
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


माँग सिंदूर भरियु चा माँ
सुवागल भाग्य सजियु चा
कलिस्वणी लाटूलियु  मथि मुंड  माँ
सुनो मुकुट सजियो चा
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी ई .............
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


जै अम्बा जगदम्बा जै माता राणी माता राणी
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


लाल रंग चुनरी साडी मा
सज भलु सजणों चा तन मा
आशीष बरसूणु आँखीयू मा
लाड उलार भरीयु मन मा
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी ई .............
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


माँग सिंदूर भरियु चा माँ
सुवागल भाग्य सजियु चा
कलिस्वणी लाटूलियु  मथि मुंड  माँ
सुनो मुकुट सजियो चा
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी ई .............
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


जै अम्बा जगदम्बा जै माता राणी माता राणी
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


लाल रंग चुनरी साडी मा
सज भलु सजणों चा तन मा
आशीष बरसूणु आँखीयू मा
लाड उलार भरीयु मन मा
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी ई .............
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


माँग सिंदूर भरियु चा माँ
सुवागल भाग्य सजियु चा
कलिस्वणी लाटूलियु  मथि मुंड  माँ
सुनो मुकुट सजियो चा
माँ तेरो सिंगार प्यारो ,माँ तेरो रंग -रूप न्यारो
ममता छलकाणी मुखडी  स्वाणी ई .............
स्वाणी  स्वाणी
जै  अम्बा ..................................................


भोले बाबा का गढ़वाली भजन लिरिक्स

अरे भल बजणु चा डमरू ऊँचा कैलाश मा।
अरे छम छमा नचंण लैगे, अरे शिव कैलाश मा।

नाची गेना, अहा नाची गेना , 
अरे नाची गेना,
म्यरा भोले बाबाजी नाची गेना। -२ 
बाजी गेना, अहा बाजी गेना ,
डम -डमरू बाजी गेना …..-२ 

अरे नाची गेना ,हा नाची गेना ,
म्यरा भोले बाबाजी नाची गेना।
जय हो बम बम भोले नाथ।
अरे नाची गेना मेरा भोले बाबा -२ 
एक हाथ तिरशूल तेरु,एक हाथ डमरु -२ 
आंखी तेरी लाल हुएनी पेय्के भंगुलु -२ 

अरे नाची गैना, अहाँ नाची गेना।
भोला पेय्के भंगुलु नाची गैना।
बाजी गेना, अहा बाजी गेना ,
डम -डमरू बाजी गेना।

अरे मानी गेना, भोले बाबा।
अरे नाची गेना म्यरा नीलकंठ त्रिपुरारी नाची गेना।

कैलाश मा रोंदा शम्भू गौरा जी का संग-२ 
गणपति जी लाल तेरा तन रैंदु उलंग।

अरे नाची गेना , अहा नाची गेना।
सभी देवता भी संग त्यारा नाची गेना।
बाजी गेना, अहा बाजी गेना ,
डम -डमरू बाजी गेना।
जय हो नीलकंठ महादेव।
जय हो जाता जूट धारी बाबा।

गौल माँ गुरों की बाघम्बर धारी। -२ 
जटा माँ च तेरी नंदी सवारी। -२ 
अरे ऐगेना, अहा एगेना ,
भोला नंदी में बैठी आइ गेना।
बाजी गेना, अहा बाजी गेना ,
डम -डमरू बाजी गेना।

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भोले का गढ़वाली भजन - म्यार शिव शंकर देवों में निराला

डम डमा डम डमरु बाजीग्यो हिमाला,
म्यार शिव शंकर देवों में  निराला.
खुट में घुँघरु छान आंग बाग छाला,
हाथ में त्रिशूल डमरु गाव नाग माला.
हे आंग बभूति रमा रा छौ...
डम डमा डम डमरु बाजीग्यो हिमाला,


सबोंकै दगाड़ माझी तुम शिव भैया.
बिष कैं यो प्याल कैणी हल हल पी गया.
रे हल हल पी गया हो...
डम डमा डम डमरु बाजीग्यो हिमाला,


गोदि में भै रि गणपती बप्पा संग में ब्रह्मा.
तुम भै रैछा कैलाश माथी हम चा रयाँ याँ.
रे दगड़ में नन्दी बिराज....
डम डमा डम डमरु बाजीग्यो हिमाला,


कैलाश में बैठी रुछा लोगों कैं देखछा.
रे गुस्सै मैणी जब उँछा ताण्डव करछा.
हे ताण्डव करछा हो....
डम डमा डम डमरु बाजीग्यो हिमाला,
डम डमा डम डमरु बाजीग्यो हिमाला,
म्यार शिव शंकर देवों में  निराला.


गढ़वाली जागर - ॐ प्रभात को पर्व जाग

ॐ प्रभात को पर्व जाग …

गौ स्वरूप पृथ्वी  जाग…

उंदकारी काठा जाग ….

भानू पंखी गरुड़ जाग….

सप्तलोक जाग …….

इंद्रा लोक जाग …..

मेघ लोक जाग…

सूर्य लोक जाग …

चंद्र लोक जाग …

तारा लोक जाग…

पवन लोक जाग….

ब्रह्मा जी को वेद जाग…

गौरी को गणेश जाग …

हरू भरु संसार जाग …

जीव जाग , जीवन जाग …

सेतु समुद्र जाग ….

खारी समुद्र जाग, खेराणी जाग ….

घोर समुद्र जाग , अघोर समुद्र जाग…

प्रचंड समुंद्र जाग…..

श्वेत बंधु रामेश्वर जाग …..

हूं हिवालु जाग , पाणी पयालु जाग …

बाला बैजनाथ जाग , धोली देवप्रयाग जाग …

हरि कु हरिद्वार जाग ……

काशी विश्वनाथ जाग …..

बूढ़ा केदारनाथ जाग ….

भोला शम्भूनाथ जाग ….

काली कुमाऊं जाग ….

चोपड़ा , चौथाण जाग ….

खटिम कु लिंग जाग …

सोबन की गादी जाग ….

दैणा होया खोली का गणेशा हो…..
दैणा होया मोरी का नरेणा हो ….
दैणा होया खोली का गणेशा हो…
दैणा होया मोरी का नरेणा हो ….
दैणा होया भूमि का भूम्याला हो….
दैणा होया पंचनामा देवा हो…..
दैणा होया नौ खोली का नाग हो ….
दैणा होया नौखंडी नरसिंगा हो ..

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कुमाऊनी पहाड़ी भजन 

यशोदा मैया त्यर कन्हैया भौते झगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।
जमुना जी में कूदी पड़ो, गिनुवा दगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।

यशोदा मैया त्यर कन्हैया ….

जमुना जी मे लड़ी पड़ो ,कालिया दगड़ी।
झन लगाए गोरु ग्वावा हमू दगड़ी ।
गोपियों की मटकी फोड़ू, दगाड़ियाँ दगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।

यशोदा मैया त्यर कन्हैया भौते झगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।

घ्यू , माखन चोरी दिछो, दगड़िया दगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।
मधुबन में नाची पड़ो, राधा दगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।

यशोदा मैया त्यर कन्हैया भौते बिगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।

गोकुल में लड़ी पड़ो, पूतना दगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।
यशोदा मैया त्यर कन्हैया, बड़ो झगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।

गोवर्धन में लड़ी पड़ो इन्द्र दगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।
वृंदावन में मुरली बजु, गोरुके दगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।

यशोदा मैया त्यर कन्हया , बड़ो झगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन ………

मथुरा जी में लड़ी पड़ो कंस दगड़ी।
झन लगाए गोरु ग्वावा हमरे दगड़ी।।
यशोदा मैया त्यर कनहैया बड़ो झगड़ी।
गोरून  ग्वाला झन लगाए, हमन दगड़ी।।



देवी बराही मेरी सेवा लिया (कुमाउनी भजन)

देवी बराही मेरी सेवा लिया
वर दैणा होया..
देवी बराही मेरी सेवा लिया

देवी बराही मेरी सेवा लिया  
वर दैणा होया..
देवी बराही मेरी सेवा लिया हे

अक्षत चन्दन दियो फूल ना पाती
दियो ना बाती
दियो ना बाती... मेरी सेवा लिया हे

देवी बराही मेरी सेवा लिया  
वर दैणा होया..
देवी बराही मेरी सेवा लिया हे

तुमरी शरण आयो भेटोई के लायो
चौल हरिया
चौल हरिया.. मेरी सेवा लिया हे..


देवी बराही मेरी सेवा लिया  
वर दैणा होया..
देवी बराही मेरी सेवा लिया हे..


हम मागणी भैया.. जनम मागन रैया
तुमि दानी होया,  मेरी सेवा लिया हे..


देवी बराही मेरी सेवा लिया  
वर दैणा होया..
देवी बराही मेरी सेवा लिया हे


तुमरी शरण आयो, पञ्च देव मेरा,
कृपा करिया.
कृपा करिया हे..


देवी बराही मेरी सेवा लिया  
वर दैणा होया..
देवी बराही मेरी सेवा लिया हे


गोलू देवता का भजन 

हे देवा तू दैण है जाए देवा हो
तू दैण है जाए देवा हो
भूमि का भूमिया देवा हो|
भूमि का भूमिया देवा हो


जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार


दाणा गोल्ज्यू , 
भंडारी गोल्ज्यू,
चितई गोल्ज्यू किरपा राखे


निर्धन कै तू धन दी छे, बाझँ कै दी संतान
४ धाम में छे त्येर नाम, हाथ जोड़ी करू परनाम
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे


जागीश्वर में छू जागनाथ, सारी दुनिया ल्थामी हात
बागीश्वर में छू बाघनाथ, पवित्र छू सरयू की घाट
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|


दूनागिरी में छू दुर्गा माता, महा काली छू गंगोली हाट
पांखू थल में कोटगारी माता, चंडी का धाम बसी छू घाट
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे


तेरी दरबार जो औनि देवा, उके मिल जानी तेरी मेवा
अन्याय के नाश करी छे, न्याय को छो यो तेरी दरबार
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|


संध्या झूली रे ..

(स्वर्गीय हीरा सिह राणा जी का सदाबहार भजन )

--

हे पूरब का दिना पश्चिमा नैगेछो
नीलाकंठा हिमालयरे..संध्या झूली आछो ..
गैला पातलो बटी संध्या झूली गेछो
क्षीर सुमुन्द्र बटी संध्या झूली गेछो
राम की अयोध्या बटी संध्या झूली गेछो
कृष्णकी द्वारिका बटी संध्या झूली गेछो
शिवा का कैलाश बाटी संध्या झूली गेछो

भजन..

के संध्या झूली रे छो भगवाना
नीलकंठा हिमाला
अब संध्याझूली रे छो भगवाना
धौलीगंगा का ताला


घर के जानी बियाव है गे फूला खिला हो
घाम मुखडी लाल हैगे रूप खिला हो
पंछी उड़ी डाल नै गे.फूल
खिला हो 


अब संध्या झूली गे छो भगवान्
धौलीगंगा का ताला......


के संध्या झूली रे छो भगवाना
नीलकंठा हिमाला.................


हरी हरिद्वार बटी पुजी गे नैनीताल
कुमाऊँ की खाट बटीजा पुजी गडवाल
अब संध्या झूली रे छो भगवाना
बद्री विशाला धाम ..


के संध्या झूली रे छो भगवाना
नील कंठा हिमाला
अब संध्या झूली
रे छो भगवाना धौलीगंगा का ताला
घर के जानी बियाव है गे फूला खिला हो
घाम मुखड़ी लाल हैगे रूप खिला हो


केदारनाथ बटी लौटी संध्या कहाँगे..
केदारनाथ बटी लौटी संध्या का गे..
जा पड़ी रे हियू बरफ लौटी
संध्या वहाँ गे..
अब संध्या पूजी गे
भगवाना मानसरोवर का ताला ..

पंछी उड़ी डाल नैगे. फूल खिला हो


के संध्या झूली रे छो भगवाना
नीलकंठा हिमाला
अब संध्याझूली रे छो भगवाना
धौलीगंगा का ताला

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घर के जानी बियाव है गे फूला खिला हो
घाम मुखड़ी लाल हैगे रूप खिला हो
पंछी उड़ी डाल नै गे.फूल खिला हो। 


खोल दे माता खोल भवानी 

इस भजन कुमाउनी झोड़ा रूप में महिलाएं गोल घेरा बनाकर गाते हैं। जो भक्त और देवी के बीच के संवाद पर आधारित है। इस झोड़े के लिरिक्स इस लिंक पर पढ़ें - ओहो गोरी गंगा भागीरथी कौ के भलो रेवाड़ा


भजन देवी भगवती मैया 

भगवती माता का यह भजन पिथौरागढ़ के कोटगाड़ी माता पर आधारित है। इसके बोल इस लिंक पर हैं - देवी भगवती मैया। 


तू रेंदी मां तू रेंदी

तू रेंदी मां तू रेंदी, तू रेंदी मां तू रेंदी 
ऊंचा ऊंचा पहाड़ू मां ,शिवजी का गैल मां.
तू रेंदी मां तू रेंदी ,तू रेंदी मां तू रेंदी


पौड़ी मां जैकी तिन ज्वालपा रूप धारी 
हरिद्वार मा ऐकी तिन मनसा रूप धारी 
हरिद्वार का मोड़ों मा ऊंचा पहाड़ मा....


तू रेंदी मां तू रेंदी तू रेंदी मां तू रेंदी 
ऊंचा ऊंचा पहाड़ू मां ,शिवजी का गैल मां.


भरतार मां जैकी तिन मठेना रूप धारी 
श्रीनगर मा ऐकी तिन धारी रूप धारी 
श्रीनगर का मोड़ों मा, ऊंचा पहाड़ो मां.. 


तू रेंदी मां तू रेंदी तू रेंदी मां तू रेंदी 
ऊंचा ऊंचा पहाड़ू मां ,शिवजी का गैल मां.


अल्मोड़ा मा जैकी तिन नंदा रूप धारी 
नैनीताल मा ऐकी तिन नैना रूप धारी 
नैनीताल का मोडू मा ऊंचा पहाड़ो मां..


तू रेंदी मां तू रेंदी तू रेंदी मां तू रेंदी 
ऊंचा ऊंचा पहाड़ू मां ,शिवजी का गैल मां.


टिहरी मा जैकी सुरकंडा रूप धारी
एंद्रोली मा ऐकी तीन काली रुप धारी
जोनसार का मोड़ों मा ऊंचा पहाड़ो मां....


तू रेंदी मां तू रेंदी तू रेंदी मां तू रेंदी 
ऊंचा ऊंचा पहाड़ू मां ,शिवजी का गैल मां.

यह है प्रसिद्ध पहाड़ी भजन के लिरिक्स। जो यहाँ के कुमाउनी और गढ़वाली लोगों द्वारा अपने देवी-देवताओं के लिए भजन-कीर्तन के रूप में ढोलक और मजीरे के साथ गाये जाते हैं। आप सभी को सरलता से हमारी बोली-भाषा में भजन प्राप्त हों, इसी उद्देश्य के साथ ये लिरिक्स यहाँ पोस्ट किये गए हैं।