फिर यूट्यूब पर आया गुलाबी शरारा गीत | Gulabi Sharara Song Back on YouTube.

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पुनः अपने मंच पर पहुंचा गुलाबी शरारा गीत।  

गुलाबी शरारा गीत (Gulabi Sharada Song) के प्रशंसकों के लिए शुभ समाचार है। इस गीत को यूट्यूब ने पुनः आप सभी के लिए अपने प्लेटफार्म पर प्रदर्शित कर दिया है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले एक यूट्यूब चैनल ने इस गीत पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाकर यूट्यूब से हटाने की अपील थी। यूट्यूब ने अपने कम्युनिटी दिशा-निर्देशों के अनुसार  'गुलाबी शरारा गीत' को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया था। 

लेकिन इस गीत से कॉपीराइट उल्लंघन की स्ट्राइक हटाकर अब पुनः रिलीज़ कर दिया है। ज्ञात हो इस गीत को अभी तक 14 करोड़ से भी अधिक बार देखा गया है। इस गीत के हुक स्टेप्स 'ठुमक-ठुमक जब हिट छै तू पहाड़ी बाटों मा' में देश विदेश के सेलेब्रेटी समेत करोड़ों लोगों ने अपने शॉर्ट्स और रील्स बनाये हैं। यही इस गीत की लोकप्रियता को दर्शाता है। 

लेकिन यही लोकप्रियता कुछ लोगों को रास नहीं आयी और गीत की कुछ पंक्तियों की धुन पर अपना क्लेम कर बैठे। गुलाबी शरारा गीत को यूट्यूब से हटाने के बाद उत्तराखंड के लोगों ने अपनी तीखी प्रतिक्रियायें दी और नाराजगी व्यक्त की थी। 


चंदा कैसेट ने किया था क्लेम ?

प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ी गीतों को रिलीज़ करने वाली एक पुरानी कंपनी चंदा कैसेट ने गुलाबी शरारा के धुन पर अपना क्लेम किया था। उन्होंने उत्तराखंड के गायक गजेंद्र राणा के गीत चिट रमाल की कुछ धुन पर अपना क्लेम करते हुए यंग उत्तराखंड ग्रुप में रिलीज़ 'गुलाबी शरारा' गीत पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगा दी थी। जिस कारण यूट्यूब को कुछ दिन के लिए इस गीत को अपने प्लेटफार्म से हटाना पड़ा था। 

इस गीत के यूट्यूब से हटते ही चिट रमाल गीत के गायक गजेंद्र राणा और सम्बंधित कंपनी प्रशंसकों के निशाने पर थे। हालांकि गजेंद्र राणा ने अपने एक इंटरव्यू में इस विवाद में अपने को अलग रखते हुए कहा था कि उनका इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है। इस गीत के सभी अधिकार अब कंपनी के पास हैं। उन्होने खुद इस बात को स्वीकार किया था कि पहाड़ी गीतों की धुन अक्सर मिलती-जुलती होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी को यदि कॉपीराइट का उल्लंघन मिला तो इस गीत को रिलीज़ होते ही अपना क्लेम करना था। 

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क्या स्ट्राइक लगाने वाले चैनल ने मानी अपनी गलती ?

यूट्यूब के नियम के अनुसार यदि कम्युनिटी स्ट्राइक लगाने वाला चैनल अपनी गलती मानकर वीडियो हटाने का अनुरोध वापस लेता है तो कॉपीराइट उल्लंघन की स्ट्राइक हट जाती है। ऐसा तब होता है, जब वह स्ट्राइक अन्य वीडियो की वजह से न हुई हो। 

इस मुद्दे पर यही कहा जा सकता है कि लोगों के भारी विरोध और दोनों चैनल्स के आपसी बातचीत के बाद ही ट्रेंडिंग सांग गुलाबी शरारा अपने यूट्यूब चैनल पर पुनः आ गया है। 

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पहाड़ के गीतों की धुन 

गुलाबी शरारा विवाद के बाद लगभग हर उत्तराखंड के गायकों ने स्वीकार किया कि उत्तराखंड के कुमाऊंनी और गढ़वाली गीतों की धुनें अक्सर एक दूसरे गीतों से मिलते हैं। वहीं इन्दर आर्य ने भी इस बात स्वीकार किया कि हमारे गीतों की धुनें अन्य गीतों की कुछ धुनों से मिलती हैं। उत्तराखंड में गाये जाने वाले लोकगीत जैसी झोड़ा-चांचरी, छपेली, न्योली की धुन एक ही होती हैं, चाहे इस लिरिक्स अलग क्यों न हों। 


यह जीत हर उत्तराखंड के संगीत से जुड़े लोगों की 

गुलाबी शरारा गीत पर स्ट्राइक हटने से हम कह सकते हैं कि यह जीत उत्तराखंड के संगीत से जुड़े हर व्यक्ति की है क्योंकि धुन के मामले में उत्तराखंड के गीतों पर यूट्यूब पर स्ट्राइक लगाना जायज नहीं है। क्योंकि हमारी पहाड़ी धुनें परस्पर मिलती हैं। आज प्रसिद्ध गुलाबी शरारा गीत हट जाता लेकिन धुन की बात करते तो कल अगला नंबर किसी और गीत का भी हो सकता था।