Harela Wishes in Kumaoni-हरेला की शुभकामनायें।
Happy Harela Wishes | हरेला की शुभकामनायें . |
Harela Wishes in Kumaoni: हरेला उत्तराखंड के लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है। सावन महीने की संक्रांति यानि प्रथम दिन (01 गत्ते ) को मनाया जाने वाला यह त्यौहार प्रदेश के कुमाऊँ मंडल में हर घर में मनाया जाता है। यह त्यौहार पर्यावरण संरक्षण, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने आराध्य और भगवान शिव तथा उनके परिवार के डिकारों की पूजा करते हैं। हरेले की कटाई कर इसके तिनके अपने ईष्टों को अर्पित किये जाते हैं। फिर परिवार की वरिष्ठ महिला द्वारा प्रत्येक सदस्य को हरेले के तिनकों को शिरोधारण करवाते हुए आशीर्वचन ( शुभकामना ) दिए जाते हैं।
कुमाउनी में हरेला के आशीर्वचन/हरेला की शुभकामना (Harela Wishes in Kumaoni) कुछ इस प्रकार दिए जाते हैं -
Harela Wishes हरेला की शुभकामनायें। |
हरेला पर्व वर्षा ऋतु के आगमन का स्वागत पर्व है। इस दिन से वर्षा ऋतु की शुरुवात हो जाती है। पहाड़ों में बारिश से जल स्रोत रिचार्ज होने लगते हैं। ग्रीष्म ऋतु के कारण पहाड़ों में सूखी घास पुनः उग आती है। अब पूरे पहाड़ों में हरियाली छाने लगती है।
हरेला पूरे कुमाऊँ में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह लोकपर्व प्रकृति मूलक अन्न-धन की पूजा के रूप में मनाया जाता है। हरियाली का पर्व हरेला किसानों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। हरेले के दिन किसान विशेषकर अच्छी फ़सल की प्रार्थना करते हैं।
इस त्यौहार को उत्तराखंड की बेटी नंदा(माता पार्वती)और भगवान शिव की पूजा के मास के रूप में भी मनाया जाता है। इसलिए यहाँ से सावन का शुभ आरम्भ भी माना जाता है। पर्व के प्रारम्भ होने से 9 दिन पूर्व लोग घर में स्थापित मंदिर में सात प्रकार के अनाजों को मिलाकर एक टोकरी हरेला की बुवाई करते हैं। इस हरेले की टोकरी को हर रोज सुबह -शाम जल से सींचा जाता है। 9वें दिन इसकी गुड़ाई करते हैं। 10 वें दिन इस हरेले को पतीसा जाता है और अपने ईष्ट देवों को अर्पित कर परिवार के सभी जनों को शिरोधारण कराया जाता है।
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Harela Wishes Image |
Happy Harela Wishes in English:
Yo Yo Din, Yo Mahain Kain Bhyatnai Raye
Tumari Syavak Jasi Buddhi Hai Jau
Suraj Jas Taran Ai Jau
Aakaash Jas Ucch Hai Jaye
Dharti Jas Chakaav Hai Jaye
Tumari Dubaki Jas Jad,
Patik Jas Pauv Hai Jau
Himaal Main Hyun Chhan Tak
Gangyu Main Paani Chhan Tak
Ji raye, Jaagi Raye
हरेला त्यौहार पर वृक्षारोपण की विशिष्ट परम्परा -
उत्तराखंड में हरेला त्यौहार पर पेड़ लगाने की एक विशिष्ट परम्परा है। यहाँ इस त्यौहार के दिन हर परिवार अपने आसपास खाली भूमि में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों का रोपण करते हैं। जिनमें फलदार, छायादार पौधे प्रमुख होते हैं। वृक्षारोपण की यह परम्परा उत्तराखंड में पुरखों के समय से चली आ रही है , जिसे आज भी यहाँ के लोगों ने जीवित रखा है। मान्यता है जिस पेड़ की पौध तैयार करना कठिन होता है उसकी एक शाखा को हरेला त्यौहार के दिन जमीन पर रोप दिया जाए तो उसमें भी कोपलें निकल आती हैं और वह नया पेड़ बन जाता है।
हरेला पर वृक्षारोपण की इस परम्परा के कारण यह त्यौहार आज बेहद ही लोकप्रिय है। विभिन्न प्रदेशों के लोग भी इस पर्व की महत्ता को देखते हुए इस पर्व की खूबियों को आत्मसात करने लगे हैं। प्रवासी उत्तराखंडी लोग आज जहां भी रहते हैं हरेला पर एक पौधे का रोपण कर पुरखों की परम्परा को जीवित रखने में योगदान देते हैं।
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चिट्ठी के द्वारा भी भेजे जाते थे हरेला के तिनड़े -
व्हाट्सअप और फेसबुक से भेजे जाने लगे अब शुभकामना सन्देश -
Happy Harela Wishes |
Harela Wishes and Beautiful Quotes | Harela Whatsapp Status
Happy Harela Image |
- Happy Harela "On the festival of Nature, A Day of Green heartiest congratulations and well wishes all of you". Today Plant a Tree.
- Free में हरेला त्यौहार के बधाई सन्देश यहाँ से डाउनलोड (Download) करें।