Harela Festival Wishes | Free में हरेला त्यौहार के बधाई सन्देश यहाँ से डाउनलोड करें।
जी रया, जागि रया,यो दिन, यो महैंण कैं नित-नित भ्यटनै रया।दुब जस पगुर जया,धरती जस चाकव, आकाश जस उच्च है जया।स्यूं जस तराण ऐ जौ, स्याव जसि बुद्धि है जौ, ।हिमालय में ह्यू छन तक,गंगा में पाणी छन तक,जी रया, जागि रया।
भावार्थ : तुम जीते रहो और जागरूक बने रहो, हरेले का यह दिन आपके जीवन में बार -बार आता रहे, आपका परिवार दूब की तरह पनपता रहे, धरती जैसा विस्तार मिले, आकाश की तरह उच्चता प्राप्त हो, सिंह जैसी ताकत और सियार जैसी बुद्धि मिले, हिमालय में हिम रहने और गंगा में पानी बहने तक इस संसार में तुम बने रहो।
उत्तराखंड में हरेले के दिन पौधारोपण करना अनिवार्य है। मान्यता है किसी पेड़ की शाखा को तोड़कर हरेले के दिन रोपा जाए तो उस शाखा से नये पेड़ का जन्म हो जाता है। होता भी ऐसा ही है। जिस पेड़ की पौध तैयार करना मुश्किल होता है, लोग उस पेड़ की शाखाएं तोड़कर हरेले के दिन गीली मिट्टी या नमी वाले स्थानों में रोप देते हैं। जिनसे नए कोपलें निकल आती हैं। जो बाद में एक वृक्ष का रूप लेता है।
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हरेला पर्व पर उत्तराखण्ड वासियों द्वारा वृहद रूप से पेड़ों को लगाया जाता है। लोग अपने-अपने घरों के आसपास, खेतों, खाली जमीन पर छोटे पेड़ों का रोपण करते हैं। हरेला पर्व को सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी बड़े हर्षोल्लाष के साथ मनाने लगे हैं। जिसमें लोगों को पेड़ वितरित करने के साथ-साथ इनका रोपण भी किया जाता है।