फूलदेई और मेरा बचपन | Phool dei Tyohar 2025

phool-dei-festival
Phool dei Festival 2025

बचपन में 'फूलदेई त्यौहार' की यादें आज भी ताज़ा हैं। जब हमें फूलदेई का बेसब्री से इंतजार रहता था। बसंत ऋतु के प्रारम्भ होते ही हमारे घरों के आसपास प्योंली के पीले पुष्प खिलने प्रारम्भ हो जाते तो हम अपने ईजा-बौज्यू से फूलदेई के तिथि के बारे में पूछते। अपने रिंगाल की टोकरियों को खोजते। हमारी दीदी इन कंडियों (टोकरी) को लाल मिट्टी से पुताई कर सफ़ेद वसुधारे डाल कर सजा देती। ईजा जंगल से कफुवा (बुरांश) के खूबसूरत फूल तोड़कर ला देती। हम गेहूं, मसूर के खेतों के बीच से खूबसूरत भटुले (भिटौर) के फूल चुनकर लाते। पीली प्यूँली तो हम झटपट तोड़कर एकत्रित कर देते। अब बारी गाँव के हर घर की देहरी पर फूल बिखेरने की। 

प्रातः उठकर नित्यकर्म, स्नान के पश्चात बच्चों की टोलियां बननी शुरू हो जाती। हर घर की दहलीज पर जाते। फूलदेई, छम्मा देई गीत गाते। हमें बदले में हर घर से चांवल, गुड़ और सिक्के मिलते। पूरे गांव भ्रमण के बाद घर वापस आते और फूल डालकर की गई कमाई को अपने ईजा-बौज्यू को देते।  शाम के समय ईजा इन चांवलों को भिगा देती।  फिर इससे साई बनाई जाती। सभी मिल बाँट फूलदेई का समापन करते। 

आज पहाड़ों के अधिकतर बच्चे पलायन या  पढ़ाई के कारण अपनी इस सांस्कृतिक धरा से दूर हैं। उन्हें फूलदेई  में शामिल होने का मौका शायद ही मिला है। यहाँ तक कि अपनी माटी से दूर होने के कारण उन्हें फूलदेई त्यौहार की तिथि भी ज्ञात है। पहाड़ से  दूर रह रहे लोगों को अपनी माटी से जोड़े रखने और अपना बचपन याद करने के लिए हर फूलदेई को एक पोस्टर जारी करने मेरा एक छोटा सा प्रयास रहता है, जिसे आप सभी लोग सोशल मीडिया में शेयर, लाइक, कमेंट कर मेरा उत्साह बढ़ाते हैं।  

आप सभी को फूलदेई  हार्दिक शुभकामनायें। 

फूलदेई छम्मा देई,
दैणी द्वार, भर भकार। 
यो देली कैं बारम्बार नमस्कार। 
फूले द्वार,
फूलदेई छम्मा देई। 

  • Phool dei Tyohar 2025 date : 14 March 2025, Friday

फूलदेई के कुछ वायरल पोस्टर ये हैं -

फूलदेई-त्यौहार-उत्तराखंड
Phool dei Festival 2025

Phooldei-wishes

Phooldei-Festival

phooldei-festival-wishes-hindi

आप सभी को फूलदेई त्योहार 2025 की ढेरों बधाई और शुभकामनायें। ईश्वर से प्रार्थना है इस नए वर्ष पर आपके घर में नयी खुशियां आयें। बसंत के इन फूलों की महक आपके जीवन में सदैव बनी रहे।