उत्तराखंड का विदाई गीत : ना रो चेली, ना रो मेरी लाल। जा चेली जा ...
उत्तराखंड का विदाई गीत |
बेटी की विदाई का पल सदैव ही भावुक करने वाला होता है। पाल-पोश बड़ी कर बेटी को जब किसी नए घर में विदा की जाती है तो स्वतः ही हर किसी के आँखों से आँसू छलक पड़ते हैं। एक पिता की लाड़ली जब अपने आँगन को छोड़ने के वियोग में आँसू बहा रही होती है, तब पहाड़ का एक पिता अपनी बेटी को समझाता हुआ क्या कहता है। इसी भाव को उत्तराखंड स्वर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने अपने गीत के माध्यम से बयां किया है। गीत है ' ना रो बेटी, ना रो मेरी लाल, जा चेली जा सौरास। दुनिया की रीत चेली तसी छु चलियां। चुप जा, ना मार बाबा डाड़। जा चेली जा सौरास।' अर्थात मेरी बेटी, मेरी लाल मत रो, आप अब ससुराल जाओ। दुनिया में ऐसी ही रीति चली है कि एक बेटी को ससुराल ही जाना होता है। इसलिए बेटी अब आप चुप हो जाओ और ससुराल चलो।
विदाई गीत लिरिक्स इन हिंदी
ना रो चेली, ना रो मेरी लाल,
ना रो बेटी ना रो मेरी लाल।
जा चेली जा सौरास।
ना रो पोथा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
ना रो बेटी ना रो मेरी लाल।
जा चेली जा सौरास।
ना रो पोथा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
दुनिया कि रीत चेली तसी छु चली यां।
चुप जा, ना मार बाबा डाड़।
जा चेली जा सौरास।
ना रो बाबा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
चुप जा, ना मार बाबा डाड़।
जा चेली जा सौरास।
ना रो बाबा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
पर घर भान हुनी चेली और बेटियां।
बार-त्यौहार पोथा उनी-जानी रैये।
अपनी बाबा कैं चेली भेटनै जाए।
अपनी इजु कैं पोथा तू झन भुलिये।
त्यर है जौ अमर सुहाग।
जा चेली जा सौरास।
ना रो पोथा ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
अपनी इजु कैं पोथा तू झन भुलिये।
त्यर है जौ अमर सुहाग।
जा चेली जा सौरास।
ना रो पोथा ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
पति सेवा खूब कै, मुख ना मारिये।
त्यर है जौ सार संसार।
जा चेली जा सौरास।
ना रो बाबा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
त्यर है जौ सार संसार।
जा चेली जा सौरास।
ना रो बाबा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
पतिव्रता धर्म बेटी पुर निभा दिए।
पढ़ियाँ लेखियाँ चेली, न्हैति तु अज्ञाना,
सासु-सौरा कैं तू समझिये द्याप्ता समाना।
द्वीये घर की तु धरिये लाज।
जा चेली जा सौरास।
सासु-सौरा कैं तू समझिये द्याप्ता समाना।
द्वीये घर की तु धरिये लाज।
जा चेली जा सौरास।
दुनिया की रीत चेली तसी छु चलियाँ।
पर घर भान हुनीं चेली बेटियां।
चुप जा, ना मार बाबा डाड़।
जा चेली जा सौरास।
ना रो बाबा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
चुप जा, ना मार बाबा डाड़।
जा चेली जा सौरास।
ना रो बाबा, ना रो मेरी लाल,
जा चेली जा सौरास।
उत्तराखंड के इस मार्मिक कुमाऊंनी विदाई गीत को सुनकर हर किसी की आँखें भर आती हैं। ऑडियो गीत सुनें -