लोकगीत "झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम" के बोल।

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Jhan Diya Boju Chana Bilori lyrics

 

यदि आप उत्तराखण्ड से हैं तो आपने 'झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम' गीत अक्सर सुना या गुनगुनाया होगा। इस गाने में एक युवती अपने पिता से मनुहार करती है कि उसकी शादी छाना बिलौरी नामक गांव/इलाके में न की जाये क्योंकि वहाँ अनेक प्रकार के कष्ट हैं और सबसे मुश्किल बात यह है कि तेज धूप पड़ने के कारण वहाँ गरमी होती है। 

Jhan Diya Bauju गीत के बोल (Lyrics) कुछ इस प्रकार हैं -


झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।
हाथ दाथुली हाथ रै जाली, लागला बिलौरी का घाम।

चूलै की रोटी चूलै में रौली, लागला बिलौरी का घाम।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।

हाथै कि कुटली हाथै में रौली, लागला बिलौरी का घाम।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।

फूल जैसी म्यर मुखड़ी, चेली मैं तुमरी भली-भली।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।

बिलोरी का धारा रौतेला रौनी, लागनी बिलोरी का घामा।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम। 

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Jhan diya boju lyrics translation in Hindi

इस गीत के माध्यम से एक बेटी अपने पिता से मनुहार करते हुए कहती है - बौज्यू (पिता जी) छौना-बिलौरी गांव में मत देना यानी यहाँ मेरा विवाह मत करना क्योंकि यहाँ बहुत धूप (घाम) लगता है। अत्यधिक धूप लगने के कारण मैं बीमार पड़ जाउंगी, जिस कारण मेरे हाथ की दराती (दातुली) मेरे हाथ में ही रह जाएगी। 

इसी प्रकार बेटी अपने पिता से तरह-तरह की परेशानियां बताकर छाना-बिलोरी गांव में न व्याहने की प्रार्थना करती है। कभी कहती है मैं इतनी बीमार हो जाउंगी कि कभी मेरे चूल्हे की रोटी चूल्हे में ही रह जाएगी। कभी कहती है मेरे हाथ का कुदाल मेरे हाथ में ही रह जायेगा। यानि मैं अत्यधिक धूप के बीमार होने के कारण मर जाउंगी। फूल के सामान मुख मंडल वाली मैं आपकी सुन्दर चेली (बेटी) हूँ आप मुझे छाना-बिलौरी मत भेजना।

Jhan Diya Boju की धुन को बनाया अपना बैंड धुन

इस गीत की धुन को कुमाऊँ रेजिमेंट ने अपने बैंड धुन में भी शामिल किया है जिसे विभिन्न समारोहों में बजते देखा -सुना जा सकता है। बागेश्वर उत्तरायणी मेले में कुमाऊँ रेजिमेंट बैंड की एक प्रस्तुति को देखिये इस वीडियो में -

 
70-80 के दशक में लोकगायक मोहन सिंह रीठागाड़ी ने जब यह गीत गाया तो यह काफी प्रचलित हो गया। मगर इसका एक स्याह पहलु भी सामने आने लगा। इलाके की छवि ऐसी बन गई लोग यहाँ अपनी बेटियों का विवाह करने से घबराने लगे। इस नकारात्मक गाने को झूठलाने के लिए पुनः लोकगायक गोपाल बाबू गोस्वामी ने छाना-बिलौरी इलाके की प्रशंसा करते हुए एक गाना रचा। जिसके बोल इस प्रकार हैं -

छाना बिलौरी के भल लागूं, छाना बिलौरी का ज्वाना।
दी दिया बौज्यू छाना बिलोरी, नि लांगना हो घाम।

झूटी यो कैले बात कै दे छो, खाली करो बदनाम।
दी दिया बौज्यू छाना बिलोरी, नि लांगना हो घाम। 

वास्तव में हकीकत भी यही थी। छाना बिलौरी बागेश्वर जिले का एक समृद्ध गांव है। पहाड़ के अन्य अंचलों की तरह भी छाना (छौना) बिलौरी एक बेहद खूबसूरत इलाका हैं। लोक गायक गोपाल बाबू गोस्वामी जी के आवाज़ में सुनिए इस ऑडियो को-