ऐपण राखी बढ़ाएंगी भाईयों के कलाईयों की शोभा। | Aipan Rakhi

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ऐपण गर्ल मीनाक्षी द्वारा तैयारी ऐपण राखी। 

उत्तराखण्ड की लोककला ऐपण को नया आयाम देने वाली कुमाऊँ की बेटी मीनाक्षी खाती ने एक बार फिर अभिनव प्रयोग किया है। इस बार उन्होंने अपनी ऐपण कला को उकेर कर आकर्षक राखियां तैयार की हैं। जिसे उन्होंने 'ऐपण राखी' नाम दिया है। सोशल मीडिया में जैसे ही मीनाक्षी ने ऐपण राखी की पहली झलक प्रस्तुत की, लोग उनके इस आकर्षक कलाकृति के मुरीद हो गए। बहनों ने इस राखी को अपने भाईयों की कलाईयों पर बांधने के लिए उन्हें आर्डर देने प्रारम्भ कर दिए। दाज्यू, ददा, भैजी, दादी, ब्रो, बैनी, भुला, भुली आदि रिश्तों के नाम से तैयार ये राखी मीनाक्षी ने ईको फ्रेंडली बनाई हैं जिनमें कहीं पर भी प्लास्टिक या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं किया है। 

नैनीताल जिले के रामनगर की रहने वाली मीनाक्षी कहती हैं वे मीनाकृति-द ऐपण प्रोजेक्ट के अंतर्गत करीब महीने  भर से इस ऐपण राखी को रूप देने में लगी हैं। लॉकडाउन में उनका अधिकांश समय इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने में बीता है। उत्तराखण्ड की लोककला ऐपण पर बने ये राखी लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। दाज्यू, ददा, भैजी, दादी, ब्रो, बैनी, भुला, भुली आदि रिश्तों के नाम पर तैयार ये राखी हमारी संस्कृति के साथ-साथ हमारी बोली-भाषा के संरक्षण और संवर्धन में अहम् योगदान देगी। चटक लाल और सफ़ेद रंग के बने इन राखियों को लोग फेसबुक, इंस्ट्राग्राम और व्हाट्सप्प के जरिये भी मंगवा रहे हैं।
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कैसे मंगवाए ऐपण राखी ?

यदि आप भी हाथों से बने 'ऐपण राखी' खरीदना चाहते हैं तो आप मीनाकृति-द ऐपण प्रोजेक्ट से संपर्क कर सकते हैं। ऑनलाइन मंगवाने के लिए आप उनके फेसबुक पेज Minakriti-The Aipan Project या इंस्ट्राग्राम aipan_girl_of_kumaon पर संपर्क कर सकते हैं। 

तो इस बार रक्षाबंधन मनाईये भुली मीनाक्षी के ऐपण राखी के साथ और दिखाईये पूरे देशवासियों को कि ये है हमारी स्वदेशी राखी जिसमें घुला है बैणियों का अपार स्नेह और मेहनत का रंग। 

उम्मीद है अगले रक्षाबंधन को देश के हर कोने-कोने में होगी हमारी यह ऐपण राखी। 

Minakshi Khati Aipan girl
ऐपण राखी तैयार करती मीनाक्षी खाती। 


क्या है ऐपण कला ?

उत्तखण्ड के कुमाऊँ अंचल में किसी भी शुभ कार्य पर घर को सजाने की एक परम्परा है। जिसमें लोग घरों को प्राकृतिक रंगों जैसे लाल मिट्टी, गेरुवे और पिसे चांवल के घोल (विस्वार) से विभिन्न आकृतियां बनाते हैं, जिन्हें ऐपण कहते हैं। जिसके अंतर्गत देवी-देवताओं की चौकियां, बेल-बूटियां, स्वास्तिक चिन्ह, सितारों के अलावा देवी लक्ष्मी के पग चिन्ह भी बनाये जाते हैं। अब लोग गेरुवे और विस्वार की जगह सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल करने लगे हैं। 

Aipan rakhi by Meenakshi
दाज्यू, भैजी, भुला, भुली, ब्रो, बैनी आदि रिश्तों पर बनाये ऐपण राखी। 


India Post Rakhi-Aipan Rakhi
इंडिया पोस्ट के द्वारा भेजी जा रही हैं ऐपण राखी।