Nanda Kund (नंदा कुंड) - प्रकृति की एक अनमोल धरोहर।

Nanda Kund Devi Kund bageshwar
Nanda Kund (Devi Kund)

आईये आपको रूबरू कराते हैं नंदाकुंड से, जिसे स्थानीय लोग देवीकुंड के नाम से भी जानते हैं। बागेश्वर जनपद मुख्यालय से 161 किलोमीटर दूर विश्व प्रसिद्ध सुन्दरढुंगा ग्लेशियर के पास यह खूबसूरत कुंड प्रकृति की एक अनमोल धरोहर है। हरे-भरे मखमली घास के मैदानों (बुग्याल) के बीच स्थित यह कुंड समुद्र तल से 13500 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि इस कुंड में माँ नंदा ने स्नान किया था। इसीलिए यहाँ आये भक्त कुंड के पास देवी को चुनरी और श्रृंगार का सामान अर्पित करते हैं।


नंदा भगवती की पूजा हेतु जल एवं ब्रह्मकमल लेने के लिए देव डांगर और भक्त लोग यहाँ दुर्गम पैदल यात्रा कर पहुँचते हैं। यह यात्रा अत्यधिक साहसिक एवं  रोमांचकारी होती है। इस कुंड तक पहुंचने के लिए भक्तों को करीब 72 किलोमीटर की अत्यंत दुर्गम यात्रा करनी होती है। जनपद बागेश्वर से 36 किलोमीटर दूर पतियासार तक वाहन से यात्रा की जाती है। इसके बाद नंदाकुंड हिमालय की पैदल यात्रा शुरू होती है। पांकुवा धार (टॉप) से आगे नगींणा तक कोई रहने की व्यवस्था नहीं है। यात्री कौतेला नामक स्थान में रात्रि विश्राम अनवालों के छांनों  (अस्थाई टैण्टों) में करते हैं। कौतेला टॉप से एक ओर सरमूल का और दूसरी ओर पिंडारी एवं कफनी ग्लेशियर के विहंगम दृश्य दिखाई देते हैं।

Rest House Herdsman
कौतेला में अनवालों का बसेरा जिन्हें स्थानीय लोग छान कहते हैं। 


यहां नंदा कुंड पहुंचने पर चारों ओर ब्रह्मकमल एवं अनेक हिमालयी फूलों के दर्शन होते हैं। सुगंधित जड़ी-बूटियां तन-मन में नई ऊर्जा का संचार करती हैं। लगभग 110 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े इस प्राकृतिक कुंड में आसपास की हरियाली का प्रतिबिंब चार चांद लगा देता है। कुंड के चारों ओर खिले ब्रह्मकमल के सफेद फूल इस स्थल की रमणीयता को और भी बढ़ा देते हैं।

विशेष बात यह भी है कि नंदा कुंड का पानी गर्मी के मौसम में ठंडा तथा शीतकाल में कुछ गर्म हो जाता है। जाड़ों में यह कुंड बर्फ की परतों से ढक जाता है। नंदा कुंड ( देवी कुंड) को क्षेत्र में पवित्र धार्मिक धरोहर का भी दर्जा प्राप्त है। नंदा पूजा के लिए लोग कई दिन पैदल चलकर कुंड का पानी तांबे के कलशों में भरकर लाते हैं। नंदा कुंड प्रवास का अनुभव अत्यधिक रोमांचकारी होता है। दृढ़ निश्चय, सच्ची श्रद्धा और विश्वास रखने वाले भक्त ही नंदा कुंड तक पहुँच पाते हैं। 




Piligrims
नंदा कुंड जाते श्रद्धालु

bugyal flowers
बुग्यालों में खिले फूल।



बुग्यालों में पशुपालक। यही लोग यहाँ आये भक्तों की
भोजन की व्यवस्था करते हैं और पथ प्रदर्शक होते हैं। 
पखुवा टॉप
पांकुवा धार (टॉप)