SUKUNDA पर्यटकों की नज़रों से दूर एक अविदित पर्यटक स्थल - सुकुण्डा ताल



sukunda-tal
View From SUKUNDA
SUKUNDA पर्यटकों की नज़रों से दूर
View From SUKUNDA
sukunda-tal
Sukunda Tal Pothing (Bageshwar) Uttarakhand
























































चारों ओर से बांज, बुरांश, काफल इत्यादि के वृक्षों से घिरा एक कुण्ड जो सुकुण्ड या सुकुण्डा नाम से जाना जाता है; उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से लगभग 38 किलोमीटर दूर पोथिंग गाँव के समीप है। यह सुकुण्डा ताल इस गाँव के उत्तर पश्चिम में लगभग 5000  फीट की ऊंचाई पर एक पर्वत की चोटी पर स्थित है।

सुकुण्ड या सुकुण्डा अपने आप ही अपने नाम का अर्थ बता देता है। सुकुण्ड दो शब्दों 'सु' और 'कुण्ड' से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होता है एक 'सुन्दर कुण्ड'। वास्तव में  यह एक सुन्दर कुण्ड ही है। लोगों में मान्यता है कि हिमालय में निवास करने वाले सभी देवी-देवता यहाँ हर रोज प्रातःकाल स्नान हेतु आते हैं। चारों तरफ से जंगलों से घिरा होने पर भी इस कुण्ड में कहीं गन्दगी नहीं दिखाई देती। लोग कहते हैं कि जब इस कुण्ड में पेड़ों की कोई भी सूखी पत्ती गिर जाती है तो यहाँ पर निवास करने वाली पक्षियां इन पत्तियों को अपनी चोंच द्वारा बाहर निकाल देती हैं।

जन-श्रुतियों के अनुसार इस कुण्ड का निर्माण बलशाली भीम द्वारा किया गया था। कहते हैं जब पांडव अज्ञातवास के समय यहाँ से गुजर रहे थे तो उन्हें यहाँ काफी प्यास लग गयी, दूर तक कहीं भी पानी का नामोनिशान नहीं था। प्यास बुझाने के लिए बलशाली भीम ने अपनी गदा से इस चोटी पर प्रहार किया और एक कुण्ड (जलाशय) का निर्माण कर डाला। इसी कुण्ड से प्यासे पाण्डवों ने अपनी प्यास बुझाई थी। इसी कारण आज भी इस कुण्ड को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है। इस कुण्ड में स्नान करना, कुछ छेड़-छाड़ करना सख्त मना है।

जहाँ यह कुण्ड स्थित है वहां का सम्पूर्ण क्षेत्र सुकुण्डा कहलाता है। सुकुण्डा एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित होने के कारण यहाँ से हिमालय की सम्पूर्ण पर्वत श्रृंखलाओं का दर्शन किये जा सकते हैं। भारत का स्विट्जर्लैंड कहा जाने वाला प्रसिद्द पर्यटक स्थल कौसानी और सुकुण्डा की ऊंचाई लगभग बराबर है। सुकुण्डा अभी तो शैलानियों की पहुँच से तो दूर है लेकिन वर्तमान में सुकुण्डा को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने भरपूर कोशिश की जा रही है। कपकोट और पोथिंग गाँव से सुकुण्डा को सड़क मार्ग द्वारा जोड़ने की योजना है। सरकार इस स्थल को विकसित करने का भरसक प्रयास करे तो निश्चित ही सुकुण्डा एक प्रसिद्द पर्यटक स्थल के रूप में उभरकर विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाएगा।